Wednesday, October 4, 2017

अहिंसा परमो धर्मः, अहिंसा परमो तपः।

अहिंसा परमो धर्मः, अहिंसा परमो तपः।
अहिंसा परमो सत्यं यतो धर्मः प्रवर्तते।
अहिंसा परमो धर्मः, अहिंसा परमो दमः।
अहिंसा परम दानं, अहिंसा परम तपः॥
अहिंसा परम यज्ञः अहिंसा परमो फलम्‌।
अहिंसा परमं मित्रः अहिंसा परमं सुखम्‌॥
महाभारत/अनुशासन पर्व (११५-२३/११६-२८-२९)
याद रखने वाली बात है अहिंसा का अर्थ है अकारण हिंसा न करना | जीव हत्या पाप है यदि अकारण हो किन्तु यदि वही जीव आप पर आक्रमण कर दे तो उसका वध करना ही उचित है | यदि कोई आपको या आपकी स्त्री को, कुटुंब को, गाय को और अन्यान्य प्राणियों को कष्ट पहुंचता है तो आपको भी हिंसा करनी पड़ेगी और उस समय वह धर्म होगा | बस आपकी ओर से हिंसा शुरू नहीं होनी चाहिए वो भी अकारण | तब ये अहिंसा ही धर्म बन जाती है |

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